शुक्रवार, अक्तूबर 06, 2006

आरम्भ


नमस्कार मित्रों,

वैसे तो मैं चिट्ठा-जगत का पुराना पाठक हूँ।साथ ही, अपनी कविताओं के माध्यम से (शब्दायन) आपके बीच होने का सौभाग्य भी प्राप्त है। पर यहाँ एक नए रूप में मुखातिब होना अच्छा लग रहा है।

इस चिट्ठे के आरम्भ के पीछे कई कारण और प्रेरणाएँ हैं। बहुत दिनों से यह विचार मन में चल रहा था कि गद्य के क्षेत्र में भी थोडी घुसपैठ की जाए। मगर हिम्मत जवाब दे जाती थी यह सोचकर कि अपनी व्यस्तताओं के बीच इसे नियमित रख पाने में सफल हो पाऊंगा या नहीं। इसी बीच मुझे एक दिव्य ज्ञान मिला कि सफलता और असफलता की चिन्ता करने वाले कायर होते हैं। फिर क्या था, दिल पर ले लिया हमने। और नतीजा आप देख ही रहे हैं।

दूसरी बात मैंने यह भी सोची कि यहाँ जैसे ढेर सारे जबरदस्त चिट्ठाकार हैं, तो मैं भी जबरदस्ती का चिट्ठाकार तो हो ही सकता हूँ। बस एक मात्रा का ही तो अन्तर है। फिर देखा कि कुछ लोग कविता लिखते-लिखते कुछ और भी लिखने लगे हैं। अब देखते हैं, हम कहाँ तक चल पाते हैं।

तो सारी तैयारी होने के बाद जब नाम रखने की बारी आई, हम उलझ से गए। और तभी हमारी उलझन को सुलझाने प्रतीक भाई प्रकट हुए। जैसे ही उन्होंने 'चिन्तन-कण' नाम बतलाया, हमने लपक कर लिया और झट से ब्लॉगर पर नामांकन करवा डाला। इतनी जल्दीबाज़ी दिखलाने का भी एक कारण था। मेरे साथ अकसर ऐसा होता है कि जो मैं सोचता हूँ, उसे करने में जरा भी देर हुई कि कोई दूसरा उसे कर डालता है। पता नहीं 'इन्फोरमेशन' कैसे लीक हो जाती है। जैसे मैं किसी मौलिक विषय पर फिल्म बनाने की बात सोच रहा होता हूँ, और कुछ ही दिनों में उस पर फिल्म बनकर फ्लॉप हो चुकी होती है। अब इसे क्या कहें? कहीं सोच का पेटेंट होता हो, तो जानकारी उपलब्ध कराई जाए।

अब जब इस पावन सरिता में छलाँग लगा ही चुका हूँ, तो डरना कैसा? पर आप सबों से एक ही गुजारिश है कि अगर तैरने की बजाए डूबने लगूँ तो कृपया मुझे किनारे तक छोड दीजिएगा, पिछले जन्म में किए गए पापों की सौगन्ध (वैसे इसकी पुनरावृत्ति इस जन्म में भी हो रही है शायद, पर पिछले जन्म वाली बात 'कन्फर्म' है) , दूबारा रूख नहीं करूँगा।

उधर नारद जी भी सघन चिकित्सा कक्ष से बाहर आने की तैयारी में हैं, मेरा यह प्रथम लेख उन्हें ही समर्पित।

- दीपक

3 टिप्‍पणियां:

Pratik Pandey ने कहा…

वाह, बड़ा ही तेज़ ब्लॉग है ये चिन्तन कण। सुझाव दिया और इतनी जल्दी बन भी गया। अगली प्रविष्टि का इन्तज़ार रहेगा। :-)

Shilpa Agrawal ने कहा…

तो गुरुदेव आखिर आपने अपना नवीन अवतार ले ही लिया| बधाई|

Ashish ने कहा…

Congratulations !!
Ab to kavita meri Zindagi ka ek hissa ban jayegi!!tumhari kavityaayen